ये क्या किया, यु क्यों जिया, क्या तुमने पाया और क्या तुमने खोया I तुमने फेलाया आतंकवाद और दिखायी हेवानियत, और मार दी तुमने दुनिया में इंसानियतI जिसे तुमने मारा वो भी किसी के अपने थे, और उनके भी तो कुछ सपने थे I धर्म के नाम पर फैलाते हो आतंकवाद, और इस आतंकवाद को नाम देते हो जेहाद I फैलाते हो तुम धार्मिक उन्माद, क्या मिलता है तुम्हे इसके बाद I अरे आतंकवादी डूब मरो, करना है तो कुछ अच्छे के लिए करो I ईश्वर से डरो मत फैलाओ ये आतंकवाद, वर्ना क्या जवाब दोगे उन्हें मारने क बाद I ये आतंकवाद है बिल्कुल बेकार, दुनिया चाहती है अमन और प्यार I इसलिए जियो और जीने दो, और ये आपसी द्वेष मत फेलने दो I
जेहाद का मतलब है धर्म के लिए युद्ध और कोई भी धर्म किसी बेगुनाह को मारने से महान नहीं हो सकता. इसलिए बेगुनाहों को मारना जेहाद नहीं हो सकता I
Written by Rahul SIngh